आज के समय मे बिना पढ़े लिखे लोगो के साथ अच्छे खासे पढ़े लोग भी अंधविश्वास के पीछे भागने लगे है।जहाँ थोड़ी सी परेशानी आई नही के लोग सोचने लगते है कि कही किसी ने टोटका तो नही कर दिया।बिना ये सोचे कि परेशानी तो हर किसी के जीवन मे आती है उनसे लड़ने के बजाए हर मान कर तांत्रिक बाबाओं के पीछे भागने लगते है जो सिर्फ और सिर्फ आपको लूटने का  काम करते है।


आये दिन अखबारों में इन बाबाओ की सच्चाई सामने लाई जा रही है किस तरह ये लोगो का घर और जीवन बर्बाद कर रहे है फिर भी लोग इन चीज़ों के पीछे भागने लगते है आखिर क्यों?
अंधविश्वास से आज तक किसी का भला नही हुआ है।

लेकिन ये अंधविश्वास फैलाने वाले भी हमारे बीच के ही लोग होते है।जो दूसरों ये कह कर उन्हें उकसाते है कि मेरी समस्या का समाधान तो तंत्र मंत्र से हो गया।और हम उन पर आसानी से विश्वास भी कर लेते है क्योंकि वो हमारे दोस्त या रिश्तेदारों में से एक होते है।

बिल्ली के रास्ता काटने पर अगर आप आगे बढ़ जाते है और आपका कोई काम रुक जाता है तो आपके दिमाग मे सबसे पहली बात यही आती है कि अगर में रुक जाता तो शायद मेरे काम खराब न होता।लेकिन अगर काम बन जाता है तो आपको लगता है कि ये सब अंधविश्वास है।

अपने फायदे के लिए कई बार लोग दूसरों की जान लेने तक से पीछे नही हटते।तांत्रिको द्वारा बली दिए जाने पर काम बन जायेगा ऐसी बातो पर भी लोग बिना सोचे विश्वास कर लेते है और दूसरों की जान ले लेते है।

आखिर कब रुकेगा ये सब,कम हमारा समाज खुद पर विश्वास करने की जगह अंधविश्वास पर विश्वास करेगा।और कब तक मासूम लोगो को इन सब का शिकार होना पड़ेगा।