ब्लड प्रेशर से लड़े इस तरह


आज कल बड़े हो या छोटे हर किसी को कोई ना कोई बीमारी लगी ही रहती है।बी.पी, शुगर,गैस और भी बहुत सी बीमारियां लगी ही रहती है।जिनमे से बी.पी बहुत ही आम समस्या बन गई है।इसका कोई परमानेंट इलाज भी नही होता है।
बी.पी भी 2 तरह का होता है।हाई बी.पी और लो बी.पी।सबसे पहले आपको ये पता होना चाहिए कि आपको किस तरह के बी.पी की प्रॉब्लम है।उसी हिसाब से आपको उसका इलाज करना होता है।अगर हाई बी.पी है आपको और आपने उस समय पर अधिक नमक का सेवन किया तो ये आपके लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है।इसके विपरीत अगर आपका बी.पी लो रहता है तो आपको अपने खाने में नमक की मात्रा बढ़ानी चाहिए।



ब्लड प्रेशर वैसे तो आम समस्याओं में से एक है लेकिन कभी कभी  विशेष परिस्थितियों में ये मौत का कारण भी बन जाती है।लो बी.पी की समस्या बढ़ जाये तो ये ब्रेन तक जाने वाले जरूरी पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की सप्लाई को रोक सकता है।इसलिए जरूरी है कि आपको दोनों तरह के बी.पी की पूरी जानकारी हो।आइये जानते है बी.पी की कुछ जरूरी जानकारी जो आपको होनी चाहिए।

लो बी.पी के लक्षण और उपाय


लो बी.पी के मरीज को सबसे पहले अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए।और अगर आप प्रेग्नेंट है तो इस समय मे आपको बी.पी की समस्या होने आम बात है लेकिन फिर भी आपको पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।विटामिन B-12 और आयरन की कमी के कारण भी बी.पी लो कि समस्या उत्पन्न हो जाती है।

लक्षण- चक्कर आना,सिर घूमना,हाथ पैरों में कपकपाहट होना,घबराहट होना।

इलाज-
बी.पी लो होने पर आप स्ट्रांग कॉफ़ी पी सकते है।
निम्बू पानी का सेवन भी लाभदायक होता है।
नमक चीनी का घोल भी लो बी.पी के मरीज को दिया जाता है।
Ors का घोल भी लाभदायक होता है।
चुकंदर का जूस भी लो बी.पी वालो के लिए अच्छा रहता है।
अधिक मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है।


हाई बी.पी के लक्षण और उपाय


हाई बी.पी की समस्या लो बी.पी की अपेक्षा अधिक खतरनाक होती है।हाई बी.पी के मरीज को इसके लिए हमेशा दवाई लेनी पड़ती है।जब तक दवाई लेते है तब तक हालात काबू में रहते है।लेकिन दवाई छोड़ते ही फिर से परेशानी बढ़ने लगती है।जिसके कारण स्ट्रोक,हार्ट अटैक तक आ सकता है।खान पान का पोष्टिक न होना ,वजन का बढ़ना,तनाव होना भी इसका एक मुख्य कारण है।

लक्षण-
सिर दर्द
सीने में दर्द
धुंधला दिखना
चक्कर आना
उल्टी आना
नाक से खून आना

उपाय-
हाई बी.पी के मरीज को सबसे पहले अपने भोजन में नमक की मात्रा बहुत कम कर देनी चाहिए।
छाछ पीना भी हाई बी.पी में लाभदायक होता है।
पूरे दिन में थोड़ी थोड़ी मात्रा में भोजन करे।
फल और सलाद का सेवन अधिक करे।
तले भुने,मसालेदार भोजन से परहेज करें।
शराब,धूम्रपान आदि से दूर रहे।
वजन बढ़ने न दे।